Monday, February 18, 2019

सुलगन

1 comment:

KrishnaGuruji said...

पुस्तक के संकलन में मानव पीड़ा एवम आत्म बल पर जोर दिया गया है।साधुवाद कैलाशजी

झोपड़पट्टी के मासूम फूलों का झुंड

                     जिंदगी,झोपडपट्टी की अंधेरी संकरी गलियों में कदम तोड़ देती है और किसी को   भी पता नहीं चलता है।जीवन जिसके मायने किसी को भ...