गलती मेरी ही है
माथा मेरा ही खराब है सुबे से
जिसे उल्टा कहा जाता है उसका उत्तर
मै तो बस सीधे सीधे बुलंद के बाद शहर ही लिखना चाह रहा था
बायमिस्टेक शहर की बजाय भारत लिख गया
विज्ञापन का कहे या बजाज का असर
जैसा बनाया जाता है वैसे ही निकलता है
बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर ...प्रतिभा प्रतिभा मेरिट मेरिट
चिल्लाते चिल्लाते खेत में लड़की के कपड़े फाड़े गए
जबकि झंडा है मेरे देश का
बोला ही गया और बोलनेवाले की जान लेने के लिए ही चली थी गोली
उसमें बारूद नहीं ग्रन्थ थे
आप देख पाए न देख पाए
आपकी मानसिकता और चश्मा जो भी देखे कहे
आपको तो मालूम ही नहीं
खेत सिर्फ बुलंदशहर में नहीं है
लड़की सिर्फ एक नहीं है करोड़ों में
चुप है कि लगता है आपको कि
व्यवस्था में चौथा वर्ण नहीं है
तभी तो बनाए रखने के लिए लोकतंत्र
वह चौथा खम्बा भी लापता हो गया खुद ही
बदन से कपडे तन से जान चली गई लेकिन
अभी भी है साबुत जबान और है गरिमा से जीने की चाह
जबकि नहीं गया बुलंदशहर
बुलंदशहर मेरे भीतर आकर चिल्ला रहा है
बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर
और लिख देता हु बुलंद शहर की बुलंद तस्वीर ....
माथा मेरा ही खराब है सुबे से
जिसे उल्टा कहा जाता है उसका उत्तर
मै तो बस सीधे सीधे बुलंद के बाद शहर ही लिखना चाह रहा था
बायमिस्टेक शहर की बजाय भारत लिख गया
विज्ञापन का कहे या बजाज का असर
जैसा बनाया जाता है वैसे ही निकलता है
बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर ...प्रतिभा प्रतिभा मेरिट मेरिट
चिल्लाते चिल्लाते खेत में लड़की के कपड़े फाड़े गए
जबकि झंडा है मेरे देश का
बोला ही गया और बोलनेवाले की जान लेने के लिए ही चली थी गोली
उसमें बारूद नहीं ग्रन्थ थे
आप देख पाए न देख पाए
आपकी मानसिकता और चश्मा जो भी देखे कहे
आपको तो मालूम ही नहीं
खेत सिर्फ बुलंदशहर में नहीं है
लड़की सिर्फ एक नहीं है करोड़ों में
चुप है कि लगता है आपको कि
व्यवस्था में चौथा वर्ण नहीं है
तभी तो बनाए रखने के लिए लोकतंत्र
वह चौथा खम्बा भी लापता हो गया खुद ही
बदन से कपडे तन से जान चली गई लेकिन
अभी भी है साबुत जबान और है गरिमा से जीने की चाह
जबकि नहीं गया बुलंदशहर
बुलंदशहर मेरे भीतर आकर चिल्ला रहा है
बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर
और लिख देता हु बुलंद शहर की बुलंद तस्वीर ....