Saturday, June 21, 2014

B B C में सत्यापन

http://www.bbc.co.uk/hindi/indepth/2013/12/131230_editors_booklist_2013_rns.shtml




सत्यापन: कैलाश वानखेड़े (आधार प्रकाशन)
ये किताब एक बड़ी संभावना की और इशारा करती है- हिंदी अस्मितामूलक लेखन के एक नए दौर में प्रवेश करने की संभावना. शीर्षक कहानी एक मार्मिक रूपक ही नहीं निर्मित करती बल्कि इस बात की खोज करती है कि कैसे एक ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रिया मानवीय अस्तित्व को परिभाषित करने वाली दार्शनिक केटेगरी में बदल जाती है.----गिरिराज किराडू 

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झोपड़पट्टी के मासूम फूलों का झुंड

                     जिंदगी,झोपडपट्टी की अंधेरी संकरी गलियों में कदम तोड़ देती है और किसी को   भी पता नहीं चलता है।जीवन जिसके मायने किसी को भ...